16-17 जून 2016 को चरान खड्ड से 35 साल पूरानी बस्ती से विस्थापित किये परिवारों में से 115 परिवारों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत “सब के लिये आवास” स्कीम के तहत नगर निगम धर्मशाला कार्यालय में आवेदन किया। नगर निगम के दफ्तर में, 6 सित्तम्ब्बर से 10 सिट्टाम्बर तक , 4 दिनों तक आवेदन करने वाले परिवारों का जमावड़ा लगा रहा।
12 अगस्त 2016 को चरान खड्ड बस्ती पुर्नवास समिति व कांगड़ा नागरिक समुह के सदस्यों ने नगर निगम धर्मशाला के नये कम्शिनर केप्टन जे एम पठानिया से मुलाकात कर चरान खड्ड बस्ती में रह रहे लोगों के पुर्नवास के विषय में चर्चा करी। जिसके चलते कमिश्नर नगर निगम ने समिति के सदस्यों को आश्वासित किया कि विस्थापित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास सुविधा दी जायेगी और प्रभावितों को योजना के तहत आवास दिलाने के लिये आवश्यक प्रक्रियाओं से गुजरने के लिये सहायता करेंगे।
16-17 जून 2016 को 35 साल पूरानी बस्ती के लोगों को बिना किसी पुर्नवास नीति के धर्मशाला प्रशासन ने विस्थापित कर दिया था। पुर्नवास की मांग के लिये पिछले 3 महिने से विस्थापित समुदाय लगातार संघर्ष कर रहा है, सभी जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों से सम्पर्क कर रहा है।
बस्ती को उजाड़ने के तीन माह पहले नगर निगम ने युनाइटेड नेशन डेवल्पमेंट प्रोग्राम कि टीम कि सहायता से बस्ती में का एक सर्वे किया था. जिसके अनुसार कुल 290 परिवार चरान खड्ड में रह रहे थे. कमिश्नर ने यह भी आश्वासन दिया है कि यदि किसी व्यक्ति के पास किसी प्रकार का पहचान का प्रमाण नहीं है लेकिन उनका नाम सर्वे सूची में आया है तो उनको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठाने के लिये सुनिश्चित कदम उठाये जायेंगे। साथ ही विस्थापित लोगों को स्मार्ट सिटी योजना के तहत विभिन्न आजिविका कार्यक्रमों में शामिल करने का भी आश्वासन दिया है।
कुल 115 आवेदक परिवारों में से महाराष्ट्र के मांगारोड़ी समुदाय के 40 परिवार जो कि अनुसूचित जाति कि श्रेणी में आते हैं व राजस्थान के सांसी समुदाय के 75 परिवार जो अनुसूचित जनजाति कि श्रेणी में आते हैं, ने आवेदन किया। विकास सिंह, टीम लीडर, युनाइटेड नेशन डेवल्पमेंट प्रोग्राम जो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत धर्मशाला नगर निगम को सहायता प्रदान कर रहे हैं उनके अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चरान खड्ड से विस्थापित किये गये लोगों को इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिये 7-8 माह के भीतर सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को पुरा कर लिया जायेगा। इन प्रक्रियाओं में आवेदन फार्म को केन्द्र सरकार के साथ साझा करने से लेकर आवास के लिये भूमि कों खरीदने व निर्माणकार्य के लिये आवश्यक बजट हासिल करने तक कि प्रक्रिया शामिल है।
विस्थापन के बाद कठिन परिस्थियों के चलते कुछ परिवारों को यहाँ से जाना पड़ा. पहले रह रहे 290 परिवारों में से वर्तमान में केवल 115 परिवार अभी धर्मशाला के आस-पास के इलाकों में झुग्गिओं व किराये के कमरों में रह रहे हैं। अधिकतर यह लोग कबाड़ उठाने, मोची, मजदूरी व मनियारी बेचने का काम करते हैं. आजीविका के साधनों के लिए सभी परिवार मुख्यतः नगर के ऊपर निर्भर हैं. वर्तमान के रहने के ठिकाने से काम के लिए जाने में प्रतिदिन बस का किराया 50 रूपये से ज्यादा खर्चना पड़ता है. और इस के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना यह सुनिश्चित करती है की शहरी गरीब को शहर के अंदर या निकट ही आवास मिले.
जारीकर्ता : चरान खड्ड बस्ती पुर्नवास समिति
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कांगड़ा नागरिक अधिकार समूह
9459021415