Chamba Van Adhikar Manch in collaboration with the Himdhara Collective held awareness building meetings last week on the Forest
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तीसा ब्लॉक में चला वन अधिकार कानून जागरूकता अभियान
चंबा वन अधिकार मंच व हिमधरा पर्यावरण समूह की संयुक्त
PRESS NOTE: 15th January 2022 | Yet another Tunnel testing hazard at a hydropower site in Himachal; Seepages from 180 MW Bajoli-Holi Power Project at Jharauta village in tribal area Bharmour of Chamba in late December triggers landslides, damage to homes; Villagers had warned of poor geology during project planning: Fact-finding report
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PRESS NOTE:
Interactive timeline | The ‘Clean Energy’ Hazardscape
Article | Bahuguna and the seeds of struggle in the Himalayas
Sunderlal Bahuguna may have departed, but there are many formidable repositories of diverse oral and
सिरमौर वन अधिकार मंच और चंबा वन अधिकार मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा वन अधिकार कानून 2006 के लिए जन जागरण अभियान
सिरमौर वन अधिकार मंच द्वारा चलाई गयी प्रक्रिया के अंतर्गत शिलाई तहसील के कलोग, नाया पंजोर, अज्रोली और जसवी गांव में वन अधिकार कानून, 2006 को समझने व इस कानून के महत्व पर चर्चा करने हेतु बैठकों का आयोजन किया गया। बैठकों में इस कानून में निहित अधिकारों पर चर्चा के साथ दावा फॉर्म भरने की प्रक्रिया, वन अधिकार समिति की जिम्मेदारियों व निष्क्रियता को सुधारने पर बात हुई जिसके अंतर्गत जहाँ ज़रूरी लगता है वहां वन अधिकार समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया पर भी चर्चा हुई। इस कानून को समझने के बाद सभी ग्राम वासियों में जल्द से जल्द अपनी ज़मीन और जंगल के लिए दावा फॉर्म भरने व उससे सम्बंधित सरकारी दस्तावेजों को जमा करने कि पहल शुरू हो चुकी है।
गौरतलब है कि वन अधिकार कानून को आये 15 साल हो गये हैं लेकिन अभी तक भी जनता में इस कानून से सम्बंधित जागरूकता का बड़ा अभाव है। जिले से आज तक जितने दावे भरे भी गये हैं उनमे से एक भी जिला स्तरीय समिति (DLC) तक नही पहुंचा हैं और सालों से दावे SDLC के समक्ष लंबित हैं। इसलिए सिरमौर वन अधिकार मंच के सदस्यों द्वारा 22 फरवरी को उप मंडल अधिकारी, शिलाई व असिस्टेंट कमिश्नर सिरमौर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में लिखित मुख्य मांगों में से (1) FRC नैना से प्राप्त 12 दावों पर 3 बार उप मंडल स्तरीय समिति (SDLC) द्वारा उठाई गयी आपत्तियों के जवाब देने व वन और रेवेन्यू अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुँच कर अध्ययन रिपोर्ट SDLC तक पहुचाने के बावजूद निर्णय लंबित, (2) जनजातीय विभाग द्वारा प्रकाशित वन अधिकार कानून पर प्रशिक्षण पुस्तिका को जल्द से जल्द सभी FRCs तक पहुँचाना (3) निष्क्रिय FRCs का पुनर्गठन, (4) FRCs सदस्यों की ट्रेनिंग करवाना। इन सभी मांगो पर दोनों ही जगह सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई।
चंबा वन अधिकार मंच द्वारा चंबा जिला की झुलड्डा, साहो- पद्दर, जडेरा, सराहन, चिलबोंगला पंचायतों व महेला ब्लॉक में वन अधिकार कानून की जानकारी को प्रसारित करने के लिए बैठकें की गयी। साथ ही जिला प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे “प्रशासन जनता के द्वार” कार्यक्रम के साथ जुड़ कर पंचायत प्रतिनिधियों एवं वन अधिकार समितियों के सदस्यों के साथ वन अधिकार कानून 2006 के प्रावधानों की जानकारी साझा की गयी।
COVID-19 & CRISIS RESPONSE IN THE STATE OF HIMACHAL PRADESH A Discussion Note
We are currently under the grip of a pandemic by the name of COVID-19 that has brought life to a
वन अधिकार कानून 2006: जनता की मांगों के साथ 22 जुलाई को जिला-स्तरीय कार्यक्रम का आव्हान!
वन अधिकार कानून देश में लागू हुए एक दशक
The Hidden Cost of Hydropower : Environmental hazards and risks of tunneling, excavation and construction in Run of the River Hydropower Projects in Himachal Pradesh
A Summary Note
Even as we are at the end of the fifth decade of celebrating the World Environment Day,
Spectre of eviction looms over forest dwellers
EVEN as the Supreme Court has stayed its order directing state governments to evict occupants from