Himachal Pradesh HC seeks status report on solid waste management

The Himachal Pradesh High Court on Tuesday sought status reports from the central and state governments on the implementation of Solid Waste Management Rules, 2016.

Hearing a PIL on “improper and unscientific dumping” of solid and toxic waste and sewage in the Baddi-Barotiwala-Nalagarh industrial belt, a bench of Chief Justice L Narayana Swamy and Justice Jyotsna Rewal Dua sought to know the status of implementation of the rules.
It directed the assistant solicitor general to file a status report on behalf of the Union ministries of urban development, agriculture, chemical and fertilisers, and new and renewable energy.
It also directed the Himachal Pradesh government to file a status report on compliance of the rules, indicating whether the state policy has been prepared; whether the amount has been allocated to all local bodies; and whether the scheme for registration of waste pickers and waste dealers has been formulated.

The high court further directed all district magistrates and commissioners within the state to file status reports as to whether they have reviewed the performance of all local bodies within their district with respect to segregation, processing, treatment and disposal of waste.

The court directed the state government to file an affidavit stating whether the landfill sites at Baddi and Barotiwala fall 100 metres away from the Sirsa river, 200 metres from habitable area, public parks and water supply wells, and 20 kilometres away from airports or airbase.

The court posted the matter for further hearing on January 8.

Court Order

News Coverage

https://www.business-standard.com/…/himachal-pradesh-hc-see…


READ MORE

प्रेस नोट: 3 जून 2019, केन्दुवाल कचरा डंप के पास रह रहे परिवार को हाईकोर्ट से राहत की आश प्रभावित परिवार के पुनर्वास पर हो विचार: उच्च न्यायालय ने दिये आदेश

FOR ENGLISH PRESS NOTE SCROLL BELOW!

प्रेस नोट: 3 जून READ MORE

हाई कोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी को बद्दि स्थित डंपिंग साइट का निरक्षण कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया

4 अक्टूबर 2018 को शिमला उच्च न्यायालय ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता को केंदूवाल स्थित बीबीएनडीए की डंपिंग साइट का निरक्षण कर वैधानिक कानूनों की अनुपालन के संबंध में अपनी रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। यह आदेश केंदुवाल के प्रभावित लोगों द्वारा डंपिंग से स्वास्थ्य और जीवन पर खतरे को लेकर दायर की गई याचिका के आधार पर दिया गया था। साथ ही कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा है कि अंतरिम अवधि में कोई गैरकानूनी डंपिंग नहीं की जाएगी।

मलपुर गांव के लोगों, जो कचरे के डम्प कि गन्दी बदबू से पीड़ित हैं, ने कोर्ट के आदेश का स्वागत किया और कहा ” आखिरकार जिम्मेदार अधिकारियों को जागना होगा और ध्यान देना होगा की किस तरह कानूनों की धज्जियां उड़ायी गयी हैं”।  खुले में डम्पिंग के चलते पानी, मिट्टी और हवा का प्रदूषण तो हुआ ही है इसके साथ-साथ यह मक्खी, मच्छरों और अलग-अलग प्रकार के कीड़ों के लिये प्रजनन स्थल बन गया है। आसपास के गांवों में डेंगू, मलेरिया, टाइफोइड इत्यादि की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ग्रामिणों का कहना है कि “यह सब जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते हुआ है जिन्होंने कचरे के वैज्ञानिक निपटारन करने की कोई सुध नहीं ली है”।  पिछले 4 महीनों से स्थानीय लोगों ने कई अधिकारियों से गुजारिश की है कि इस डंप को हटा दिया जाना चाहिए और कचरा प्रबंधन संयंत्र , सिरसा नदी और कानून के अनुसार लोगों के निवास स्थान से दूर उचित जगह पर स्थापित किया जाना चाहिए। लेकिन अधिकारियों ने ग्रामिणों की मांगों पर कोई पहल नहीं की।

यह ध्यान देने की बात है कि बीबीएनडीए ने 2012 में इस साइट पर 9.70 करोड़ एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा का प्रस्ताव केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय को दिया था और 2015 में मंत्रालय ने इसके लिए मंजूरी दे दी थी। लेकिन पिछले तीन सालों से बीबीएनडीए ने संयंत्र स्थापित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के साथ-साथ पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का उल्लंघन करते हुये कचरा डंप कर रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने 2016 में नगर परिषद प्रशासन को गैरकानूनी डंपिंग के लिये 6 कारण बताओ नोटिस जारी किये लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई।

“पिछले महीने, क्षति नियंत्रण मोड पर काम करते हुए, बद्दी अनगर परिषद ने केंडुवाल साइट पर मिट्टी की एक परत के नीचे कचरा दफनाया जिससे मिट्टी, भूजल और सरसा नदी को और ज्यादा प्रदूषित भी किया है” हिमधरा समूह, एक पर्यावरण समूह जिसने इस महीने के शुरू में इस मुद्दे पर एक बयान जारी किया था, ने कहा। साथ ही समूह का कहना है कि “हम उम्मीद करते हैं कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी रिपोर्ट में प्रत्येक उल्लंघन की जांच करेगा – डंप की जगह; जो सिरसा नदी के बाढ़ के मैदान पर है, पानी, सतह के पानी, मिट्टी और क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य और जीवन पर कचरे के प्रभाव”।

कचरे के खुले में डंपिंग का काम अवैध है क्योंकि यह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, जल (रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम के खिलाफ है। इसके अलावा, खुले में डंपिंग के चलते बुनियादी नागरिक अधिकारों; स्वच्छ वायु, जल और साफ पर्यावरण के अधिकार,  का उल्लंघन हो रहा है। इससे पहले, नालागढ़ के एसडीएम ने कचरे के खुले डंपिंग के कारण सार्वजनिक परेशानी पैदा करने के लिए नगर परिषद बद्दी के खिलाफ सीआर पीसी 133 के तहत कार्यवाही शुरू की थी।
=&0=&

Kendulwal residents knock High court door on open dumping of municipal waste

Court

READ MORE

Press Note 9 Aug 2018: Illegal Dumping of Waste by BBNDA at Kenduwal continues; Authority was to set-up 9.7 crore waste management plant

Residents of Malpur-Sandholi form ‘Paryavarn Sangharsh Samiti’ to take action on READ MORE