Chamba Van Adhikar Manch in collaboration with the Himdhara Collective held awareness building meetings last week on the Forest Rights Act 2006 in 15 Panchayats of Tissa and 2 Panchayats of Salooni block in Chamba District. During the meetings the most common issue was of old occupations on forest land for habitations, agricultural fields, temporary shelters for seasonal grazing. These belonged to tribal pastoralists, dalits as well as the general castes. The latter (SCs and GCs) fall in the category of the ‘Other Traditional Forest Dwellers’ under the FRA 2006. People forage medicinal plants, mushrooms in the region and these form important community uses for which community forest resource rights can be claimed under the act.
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चंबा वन अधिकार मंच व हिमधरा पर्यावरण समूह के संयुक्त पहल से जिला चंबा के तीसा ब्लाक की पंचायत में 15 पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधि, एवं सलूणी ब्लॉक के दो पंचायतों मे वन अधिकार समिति के सदस्यों व अन्य वन निवासियों के साथ वन अधिकार कानून, 2006 के प्रावधानों पर चर्चा की गई।चंबा वन अधिकार मंच के मनोज कुमार ने कहा “चम्बा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग जो सदियों से वनों पर अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिये निर्भर हैं वो इस कानून के तहत हक़दार हैं। लेकिन दुःख की बात ये है असली हक़दारों को अपने अधिकारों की कोई जानकारी नहीं है। इसलिए हम यात्रा के जरिये प्रयास कर रहे हैं कि लोगों को अपने अधिकारों व कानून के प्रावधानों पर जागरूकता आये।” हिमधरा पर्यावरण समूह के सुमित ने बताया कि ” जिन लोगों के 13 दिसम्बर 2005 के पहले से वन भूमि पर निवास या खेती के लिये कब्ज़े हैं वो इस कानून के तहत दावा फार्म भर के बेदखली के दंश से निजात पा सकते हैं। साथ ही स्थानीय समुदाय वनों पर अपने पुश्तैनी हक हकूक को इस कानून के तहत कानूनी अधिकार में तब्दील कर सकते हैं जोकि अभी रियायत के तौर पर हैं”। गौरतलब है कि चम्बा जिला में अभी तक केवल 53 व्यक्तिगत व 7 सामुदायिक वन अधिकारों को मान्यता मिली है।
तिसा ब्लॉक में हुई वन अधिकार कानून 2006 की जागरूकता बैठक में तीसा ब्लॉक की पंचायत भंजराड़ू, पद्दर, खुशनगरी, गवाड़ी, डोरी, तीसा-2 – झुंगरा ,खजूआ, बिहाली , बोंदेड़ी , मंगली , जूनास ,हर्तवास , सेईकोटी , थानेई कोटी ओर कुठेड बुधोडा -एवं सलूनि ब्लॉक से भ्डेला ,खड़ा जोत पंचायत के प्रतिनिधि व वन अधिकार समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
गवाड़ी पंचायत के उपप्रधान, चमन शर्मा ने कहा “15 साल हुए इस कानून को आये लेकिन हमे इस कानून की अब जाके जानकारी मिली है। हमारे तीसा क्षेत्र में बहुत से लोग वन भूमि पर आवास के लिये निर्भर हैं और ये लोग हमेशा बेदखली के डर में रहते हैं”