22 मई 2022:- चंबा वन अधिकार मंच व हिमधरा पर्यावरण समूह के संयुक्त पहल से जिला चंबा के तीसा ब्लाक की पचाईर्तों मे जिसमे देवीकोठी, घुलई ,टेपा ,सत्यास ,बैरागड़ , शिरी , आयल, भालोड़ी , बनान्तर, सनयाल , देग्रां , जझाकोठी एवं श्लेलाबाड़ी पंचायत में पंचायत प्रतिनिधि, वन अधिकार समिति के सदस्यों व अन्य वन निवासियों के साथ वन अधिकार कानून, 2006 के प्रावधानों पर चर्चा की गई।
पंचायतो के प्रधानो के कथन
सभी पंचायतों के प्रतिनिधियों का कहना है “वन अधिकार कानून के प्रावधानों की जानकारी के अभाव में अभी तक हमारे पंचायत के जरूरतमंद वन निवासियों को इस कानून का लाभ नहीं मिल पाया है। लेकिन हम सभी पंचायतवासी आपसी सहमति बना कर इस कानून के तहत अपने दावे जल्द ही पेश करेंगे”।
हिमधरा पर्यावरण समूह के सुमित ने बताया कि ” जिन लोगों के 13 दिसम्बर 2005 के पहले से वन भूमि पर निवास या खेती के लिये कब्ज़े हैं वो इस कानून के तहत दावा फार्म भर के बेदखली के दंश से निजात पा सकते हैं। साथ ही स्थानीय समुदाय वनों पर अपने पुश्तैनी हक हकूक को इस कानून के तहत कानूनी अधिकार में तब्दील कर सकते हैं जोकि अभी रियायत के तौर पर हैं”। गौरतलब है कि चम्बा जिला में अभी तक केवल 53 व्यक्तिगत व 7 सामुदायिक वन अधिकारों को मान्यता मिली है।
चंबा वन अधिकार मंच
चंबा वन अधिकार मंच के सदस्य मनोज कुमार ने कहा “हमारे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग जो सदियों से वनों पर अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिये निर्भर हैं वो इस कानून के तहत हक़दार हैं। लेकिन दुःख की बात ये है असली हक़दारों को अपने अधिकारों की कोई जानकारी नहीं है। इसलिए हम जागरूकता बैठकों के जरिये प्रयास कर रहे हैं कि लोगों को अपने अधिकारों व कानून के प्रावधानों पर जागरूकता आये।
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